मेरी ज़िदगी में आकर तुमने... मेरी ज़िदगी में आकर तुमने...
इस दौर में हर चीज़ बिकाऊ है दोस्तों, बिकने लगे हैं लोग अब बाज़ार देखकर। इस दौर में हर चीज़ बिकाऊ है दोस्तों, बिकने लगे हैं लोग अब बाज़ार देखकर।
प्यार की राहों मे एक पथिक का प्रेम अंकुर अपनी प्रियसि के लिये , केसे फूटता है वो इसमे वर्णित है , बह... प्यार की राहों मे एक पथिक का प्रेम अंकुर अपनी प्रियसि के लिये , केसे फूटता है वो...
नमस्कार, मित्रों प्रस्तुत है मेरी गज़ल, पढ़ें व प्रतिक्रिया से अवगत करायें। धन्यवाद ! नमस्कार, मित्रों प्रस्तुत है मेरी गज़ल, पढ़ें व प्रतिक्रिया से अवगत करायें। धन्य...
ग़ज़ल ग़ज़ल
मेरी पहली हिंदी ग़ज़ल (१९८०) यहाँ मौत ही ज़िन्दगी का सिला है मगर मांगने पर ये किसको मिला है? मेरी पहली हिंदी ग़ज़ल (१९८०) यहाँ मौत ही ज़िन्दगी का सिला है मगर मांगने पर ये किसको...